‘Kahan Humara Bachpan’ by Sanskar Bharti

Nov 13, 2019संस्कार भारती की आठ दिवसीय ‘नाट्यबोध अभिनय कार्यशाला’ संपन्न कला-संस्कृति के विकास में संस्कार भारती की भूमिका प्रशंसनीय: डाॅ अशोक सिंह लघु नाटक ‘कहां हमारा बचपन’ का मंचन कर बच्चों ने मोहा सबका मन चित्र परिचय-उद्घाटन करते अतिथि, नाटक का मंचन करते बच्चे व उपस्थित दर्शक। बोकारो। भारतीय शास्त्रीय संगीत-नृत्य, रंगमंच, साहित्य व ललित कलाओं के विकास को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की बोकारो महानगर इकाई द्वारा सेक्टर 3 स्थित बोकारो पब्लिक स्कूल में स्कूली बच्चों के लिए आयोजित आठ दिवसीय ‘नाट्यबोध’ अभिनय कार्यशाला का समापन रविवार की देर शाम हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद् डाॅ अशोक सिंह, संस्कार भारती, बोकारो महानगर इकाई अध्यक्ष कैप्टन आरसी यादव, संरक्षक रवीन्द्र झा, अनिल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष विश्वजीत पात्रा, चिन्मय घोष, मंत्री अमरजी सिन्हा, सह मंत्री स्वरुप शेखर पांडेय, साहित्य विधा प्रमुख सह मीडिया प्रभारी अरुण पाठक, नाट्य प्रमुख पूर्णेन्दु पुष्पेश, संगीत प्रमुख संजीव मजुमदार ने संयुक्तरुप से भारतमाता व स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर पुष्पार्चन कर व दीप प्रज्ज्वलन कर किया। मुख्य अतिथि डाॅ अशोक सिंह ने अपने संबोधन में संस्कार भारती की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन के माध्यम से संस्था जिस तरह बच्चों में भारतीय कला-संस्कृति व मानवीय मूल्यों का विकास कर रही है वह बहुत ही प्रशंसनीय व अनुकरणीय है। उन्होंने आगे भी इस तरह की गतिविधियां आयोजित करने की जरूरत बताई। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि नृत्य, संगीत, अभिनय आदि कलाओं के विकास के लिए इस तरह की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। संरक्षक अनिल गुप्ता ने कहा कि अभिनय कला के विकास में यह कार्यशाला सहायक होगी। संस्कार भारती के प्रांतीय प्रतिनिधि व सह-क्षेत्र प्रमुख डाॅ संजय कुमार चैधरी ने कहा कि संस्कार भारती बच्चों में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के विकास के लिए कार्य कर रही है। मंत्री अमरजी सिन्हा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के संयोजक पूर्णेन्दु पुष्पेश ने कार्यशाला सारांश प्रस्तुत किया। इस अवसर पर रजनी पाढ़ी ने गणेश वंदना पर कुचीपुड़ी नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन जीत लिया। इस मौके पर नाट्यबोध अभिनय कार्यशाला में शामिल विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने पूर्णेन्दु पुष्पेश द्वारा लिखित व निर्देशित लघु नाटक ‘कहाँ हमारा बचपन’ का सशक्त मंचन कर सबकी भरपूर तालियां बटोरी। इस नाटक में समाज में बच्चों के प्रति हो रहे शोषण और मिसमनेजमेंट को दर्शाया गया है और उसके भावी परिणामों के प्रति सजग करने की कोशिश की गई है। ‘नाट्यबोध’ अभिनय कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को नाटक में काम करने का मौका दिया गया। नाटक में विभिन्न भूमिकाओं में रिया सिंह, अभिषेक दुबे, अंकित, सूरज, सृष्टि, प्राची, अनु, मनीषा, स्नेहा, ज्ञानश्री, अदिति, सिद्धांत वर्मा, बिट्टु, आलोक, नवीन, अभिषेक कुमार, रिंकी कुमारी, अनंत आदि ने अपने अभिनय कौशल से सबको प्रभावित किया। नाटक में सह निर्देशन रांची से विशेषरूप से पधारी नीतिश्री तथा संस्कार भारती की नीतू श्रीवास्तव ने किया। नाटक में संगीत दिया गायक व संगीतकार अमरजी सिन्हा ने तथा नृत्य परिकल्पना हिरल प्रज्ञा एवं मंच और प्रकाश परिकल्पना स्वरुप शेखर पाण्डेय की थी। समापन समारोह में मंच संचालन नीति श्री ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अनुज निधि ने किया। इस मौके पर डाॅ मीरा सिन्हा, अनूपा निधि, रागिनी अंबष्ट, राजेश कुमार वर्मा, गीता कुमारी, रोली प्रियदर्शी, अर्चना कुमारी, श्रीपर्णा घोष, सुमन सिंह, निरंजन कुमार सिंह, प्रमोद कुमार दुबे, विनीता दुबे, पूर्णिमा झा, रवि रंजन तिवारी, एके पांडेय, डाॅ एनके राय आदि उपस्थित थे।

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